Computer kisne banaya hindi me ? Who made first Computer in hindi ? पहला कंप्युटर किसने और कब बनाया ? कम्प्युटर का इतिहास हिन्दी मे। भारत मे कम्प्युटर की शुरुआत कब हुई ? कम्प्युटर का पिता किसे कहते है ?

hindipathshala.com “ज्ञान का भंडार” के पाठकगण को मेरा प्रणाम, स्वागत है आपका आजके हमारे इस लेख मे जो बहूतही महत्वपूर्ण है, आज हम जानेंगे एक ऐसे आविष्कार के बारेमे जिसका हम रोजाना इस्तेमाल करते है। वो है Computer, अगर आप कम्प्युटर का उपयोग करते है तो आपको इसकी परिपूर्ण जानकारी रखना जरूरी है। वास्तव मे आजके इस आधुनिक युगमे शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा होगा जिसने कभी कंप्युटर का इस्तमाल नहीं किया होगा। आज का हमारा टॉपिक है computer बाबाके बारेमे । कृपया आर्टिकल के अंततक बने रहिये और इस लेख को पूरा पढे । तो चलिये चलते है आजके विषय की और computer किसने बनाया ? COMPUTER का full farm क्या है ?Common Operating Machine Purposely used for Technological and Educational research.

आवश्यकता, आविष्कार की जननी है, और जब इंग्लैंड के महान गणितज्ञ चार्ल्स व्हिटमोर बैबेज ( Charles Whitmore Babbage ) को इसकी आवश्यकता महसूस हुई तो उन्होने 1822 मे कम्प्युटर नाम की खूबसूरत बला को जन्म दिया। चार्ल्स बैबेज का जन्म 26 दिसंबर 1791 को लंदन, इंग्लैंड में हुआ था। उनके माता पिता का नाम बेंजामिन बैबेज और एलिज़ाबेथ था। उनके पिता लन्दन में बैंकर थे।चार्ल्स बैबेज की मृत्यु 80 साल की उम्र मे 18 अक्टूबर, 1871, मे हुई। वो अंग्रेजी गणितज्ञ, आविष्कारक, और यान्त्रिकी इंजीनियर थे। जिन्हें पहले स्वचालित डिजिटल कंप्यूटर की कल्पना का श्रेय दिया जाता है Complex Mathematical Operations को Perform करने के लिए एक Device बनाया जिसे “Difference Engine” का नाम दिया गया । और इसीलिए उन्हे ” फादर ऑफ कम्प्युटर “ कहा जाता है। चार्ल्स बैबेज ने अक्टूबर 1810 में, ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज मे दाखिला लिया और वहीं से गणितीय अध्ययन किया। वह पहले से ही समकालीन गणित के कुछ भागों का स्वयं अध्ययन किया करते थे। वह रॉबर्ट वुडहाउस, यूसुफ लुइस, Lagrange और मैरी Agnesi को पढ़ा करते थे। लेकिन फिरभी नतीजे के तौर पर उन्हें कैम्ब्रिज में उपलब्ध मानक गणितीय शिक्षा में निराशा प्राप्त हुई । चार्ल्स बैबेज और उनके कुछ मित्रों ने “जॉन Herschel, जॉर्ज मयूर” और कई अन्य मित्रों ने मिलकर 1812 में विश्लेषणात्मक सोसायटी का गठन किया। बैबैज ने पहले Analytical Engine कंप्यूटर का आविष्कार किया था, जोकि आज के समय के मुताबिक काफी कॉप्लेक्स था। हालांकि शुरुआत में उन्हें गणित काफी पसंद थी, ऐसे में गणित की बड़ी-बड़ी कैलकुलेशन को सॉल्व करने के लिए उन्होंने कंप्यूटर मशीन बनाई। इसतरहा कम्प्युटर की क्रांति की शुरुआत हुई। कम्प्युटर के पहले जनक के बारेमे अलग अलग विशेषज्ञों की अलग अलग राय हो सकती है। क्यूंकी कुछ लोग “ABACUS ” को ही पहला कम्प्युटर मानते है, क्यूंकी William Oughtred द्वारा निर्मित यह पहला मेकैनिकल कंप्युटर था। इसका आविष्कार वर्ष 1622 मे हुआ था और इसका नाम ” ABACUS ” रखा गया था। इसपर मेरी राय कुछ अलग है क्यूंकी परिवर्तन संसार का नियम है. इसलिये उसवक्त के कुछ विद्वान अविष्कार कर्ताओं ने नये संशोधन कर नई तकनीक का इस्तेमाल किया और बेहतर कंप्यूटर बनाने की कोशिश की और सफल हुए. लेकिन मूल कंप्यूटर का सिद्धांत और कल्पना जिसने रखी वो थे चार्ल्स बैबेज क्यूंकि चार्ल्स बैबेज के अनालिटिकल इंजिन के हि सिद्धांतो पर ही आधारित थे बाद के समय के कंप्यूटर.

क्या आपको पता है कंप्यूटर की माता किसे कहते है ? Who is mother of computer?

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Full Name- Augusta Ada King, Countess of Lovelace

कंप्यूटर की माता के रूप में जिस महान शक्सीयत को जाना जाता है. वह एक अंग्रेजी गणितज्ञ तथा लेखिका थीं, वह महान अँग्रेजी कवि जॉर्ज गॉर्डन बायरन और एनबेला बायरन की इकलौती बेटी थी ।लंदन में जन्मी एडा लवलेस (1815-1852) को छोटीसी उम्र से ही गणित के प्रति जुनून और लगाओ था । जिन्होंने चार्ल्स बैबेज द्वारा बनाई गई Analytical Engine पर कार्य किया और पता लगाया कि यह मशीन ‘शुद्ध गणना’ के साथ कई अन्य काम भी कर सकती है या नहीं। उनका पूरा नाम ऑगस्टा एडा किंग-नोएल काउंटेस ऑफ लवलेस है (10 दिसंबर 1815 – 27 नवंबर 1852) उनका जीवनकाल है।उनकी 37 साल की छोटीसी जीवनी मे उन्होने कम्प्युटर के क्षेत्र मे बहुत बड़ा योगदान दिया। एडा लवलेस ने दुनिया का पहला कंप्यूटर प्रोग्राम लिखा, और दुनिया की पहली कंप्यूटर प्रोग्रामर बनीं। इसीलिए ada lovelace को कम्प्युटर की माता कहा जाता है। क्योंकि उन्होंने एनालिटिकल इंजन नामक एक मशीन की गणना करने की योजना तैयार की थी। और पहला computing machine के लीये algorithm लिखा। फ्रीली प्रोग्रामेबल Binary Driven  मैकेनिकल कंप्यूटर का अविष्कार जर्मन सिविल इंजीनियर Konrad Zuse ने वर्ष 1938 मे किया था. इस कंप्यूटर को Z1 नाम से भी पुकारा जाता था. दुनिया के बहुत से ऐसे लोग है जो मॉडर्न कंप्यूटर की उत्पति करने के रूप में Konrad Zuse की देन मानते है। ada का जीवनकाल भलेही छोटा है लेकिन उनके बारेमे लिखने के लिए बहुत कुछ है। अगर आप ada की जीवनी पढ़ना चाहते है तो हमे अपनी राय भेजे हम जरूर इसपर एक विस्तृत जानकारी लेकर आएंगे आपके लिए।

पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्युटर किसने बनाया ? और उसका नाम क्या था ?

The ENIAC world’s first Electronic Computer Invent By, J. Presper Eckert, John Mauchly and Dr. John Vincent Atanasoff

मित्रों कंप्युटर की खोज आजकी आधुनिक दुनिया के लिए एक बहोत बड़ा वरदान था इसलिए इसकी महत्वाकांक्षा और भी बढ़ जाती है। चार्ल्स के पहले अनालिटिकल कंप्युटर की संकल्पना के बाद और आज के वर्तमान समय के सुपर कंप्युटर से लेकर पर्सनल कंप्युटर तक, काफी बदलाओ हुए। और इसके समयानुसार परिवर्तन की जानकारी जानने से पहले हमे इसके वर्गीकरण को समझना होगा। दुनिया के पहले इलेक्ट्रॉनिक कंप्युटर का आविष्कार वर्ष 1945 मे किया गया था। वो द्वितीय महायुद्ध का समय था। इसे अमेरिकी मिलिट्री के तीन महान व्यक्तियों ने बनाया था जिनका नाम है J. Presper Eckert, John Mauchly और Dr. John Vincent Atanasoff द्वारा निर्मित दुनिया का पहला इलेक्ट्रॉनिक प्रोग्रामेबल कंप्युटर था। जिसे ENIAC नाम से जाना जाता है । Electronic Numerical Integrator And Computer आज हम टेबल पर आसानी से अपना स्मार्ट पीसी रखकर उसका इस्तेमाल करते है । लेकिन ये कंप्युटर ऐसा नहीं था । यह एक विशाल कंप्युटर था ये कंप्युटर आकार मे काफी बड़ा था ये तकरीबन 1800 स्क्वेयर फिट मे स्थापित था । और इसे चलाने के लिए 200 किलो वैट बिजली की खपत होती थी। इसमे 70000 रेजिस्टर और 10000 कपेसिटर और 18000 Vacuum Tubes लगे थे । इसमे खर्च भी बहोत ज्यादा आया था । इसपर आगे संशोधन हुए और अस्तित्व मे आया कमर्शियल कंप्युटर तो आगे जानेंगे इसके बारेमे।

पहला कमर्शियल कंप्युटर किसने और कब बनाया ? उसका क्या नाम था ?

Inventd By – J. Presper Eckert and John Mauchly

मित्रों दुनिया के पहले कमर्शियल कंप्युटर का आविष्कार 14 जनवरी 1951 मे दो अमेरिकी महान व्यक्तियों ने किया जिनका नाम था J. Presper Eckert and John Mauchly उन्होंने इसका नाम रखा UNIVAC  (Universal Automatic Computer) 1951-1954. इसमे भी हजारों Vacuum Tubes का उपयोग किया गया था । लेकिन ये पहले इलेक्ट्रॉनिक कंप्युटर के मुकाबले छोटा था। इसमे खर्च भी काम आया था । इस कमर्शियल कंप्युटरको Industrial computer भी कहा जाता है । क्यूंकी यह व्यावसायिक प्रयोग के लिए पहला सामान्य-उद्देश्य वाला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर डिज़ाइन था। इसकी डिजाइन का काम उनकी कंपनी, एकर्ट-मौचली कंप्यूटर कॉरपोरेशन (EMCC) द्वारा शुरू किया गया था, और कंपनी द्वारा रेमिंगटन रैंड (जो बाद में स्पेरी, अब यूनिसिस का हिस्सा बन गया) द्वारा अधिग्रहित किए जाने के बाद पूरा हुआ। UNIVAC- I के उत्तराधिकारी मॉडल के सामने आने से पहले के वर्षों में, मशीन को “UNIVAC” के रूप में जाना जाता था। आजके मॉडर्न कंप्युटर की पृष्टभूमि इसी कंप्युटर ने रखी थी ।

Personal Desktop Computer kisne aur kab banaya ?

मित्रों दुनिया के पहले पर्सनल डेस्कटॉप कंप्युटर का आविष्कार 1964 मे OLIVETTI ने किया था। उसवक्त इस कंप्युटर की कीमत लगभग 2.50 लाख रुपये थी। जोकि आमलोगों की पहुँच से काफी दूर था। इसी दौरान सितंबर 1975 मे पर्सनल कंप्युटर का भी आविष्कार हुआ। फिर आगे जाकर Olivetti के कंप्युटर को Atari corporation ने इसे 1985 मे 520ST नामक कंप्युटर मे बदला इसमे 256 KB RAM और एक फ्लॉपी डिस्क भी मौजूद थी। इसतरहा दुनिया का पहला पर्सनल डेस्कटॉप कम्प्युटर अस्तित्व मे आया।

Super Computer kisne aur kab kanaya? uska kya naam tha?

तो आइये जानते है Super Computer के बारे मे, सुपर कम्प्युटर का आविष्कार वर्ष 1960 मे Seymour Roger Cray द्वारा किया गया। वैसे तो इस कम्प्युटर की निव Seymour Cray ने 1920 मे ही रखी थी और उसके डिजाइन पर काम करना शुरू कर दिया था।और इस प्रोजेक्ट मे उनके साथी Sperry Rand का भी योगदान था। लेकिन इस पहले सुपर कम्प्युटर को दुनिया के सामने 1960 मे पेश किया गया। इस पहले सुपर कम्प्युटर को CDC 6600 नाम दिया गया। इसे Control Data Corporation और Cray Research सेंटर ने आविष्कार किया था। इसीलिए इसे CDC 6600 नाम से प्रस्तुत किया गया। Super computer उन COMPUTER’S को कहते है जिनकी कार्यक्षमता बहोत तेज होती है। इन्हे Powerful Computer भी कहा जाता है। ये आमतौर पर Scientific और Engineering के क्षेत्र मे ज्यादा इस्तेमाल किए जाते है। एक सुपर computer की क्षमता 200 से 300 गीगाबाइट या उससे भी अधिक होती है। इसे चलाने मे लगभग 1 से 10 मेगवाट बिजली की खपत होती है , 2019 के अनुमान के अनुसार औसतन 10000 घरों को लगने वाली बिजली के बराबर। 21 वी सदी के सुपर कंप्युटर मे 1,00,000 लाख से भी ज्यादा प्रोसेसर का इस्तेमाल होता है। इसमे उपयोग की जाने वाली रैम काफी महंगी होती है। टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 2019 मे 833 टेराफलोप की क्षमता वाला सुपर कंप्युटर 32.50 करोड़ मे बना था। क्या आपको पता है दुनिया के पाँच सुपर कंप्युटर कौनसे से है। चलो हम बताते है संक्षिप्त मे, 1. FRONTIER- अमेरीका, इसकी कीमत 60 करोड़ रुपये है 2. FUGAKU – Japan 3. SIERRA-Ameriac, California 4. LUMI – Finland and 5. SUMMIT-America, तो मित्रों ये थे दुनिया के पाँच सुपर कंप्युटर । दुनिया मे हरसाल एक सर्वे होता है इसमे दुनिया के 500 सुपर कंप्युटर की सूची प्रकाशित की जाती है। उनमेसे टॉप फाइव सुपर कंप्युटर की जानकारी हमने दी है । उम्मीद है आपको ये जानकारी हेल्प्फल लागि होगी।

India me Computer kab aaya? India ka pahala Computer kisne banaya?

तो आईये जानते है के भारत मे कंप्युटर युग की शुरुवात कब हुई ? से लेकर भारत के सुपर कंप्युटर तक के सफर की जानकारी हम जानेंगे। मित्रों भारत मे कंप्युटर युग की शुरुआत होते होते बहोत देर लग गई। सन 1952 मे भारतीय विज्ञान संस्थान कोलकाता से इसकी शुरुआत हुई। यह एक अनलॉन्ग कंप्युटर था। इसे लगाने का श्रेय Dr, Dwijish Dutta को जाता है। इसके बाद दूसरा कंप्युटर कर्नाटक राज्य के बेंगलुरू सिटी मे भारतीय विज्ञान संस्थान मे लगाया गया था। भारत मे पहला कंप्युटर संस्थान के लिए होमी जे. भाभा ने भेजा था। यह ( TIFR ) Tata Institute of fundamental research मे था। इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा लगाया गया था। इसे ( TIFRAC ) टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च ऑटोमैटिक कैलकुलेटर नाम दिया गया था। तकनीकी रूपसे भारत का पहला कंप्युटर कोलकाता के भारतीय विज्ञान संस्थान मे बनाया गया था, लेकिन ये बहोतही छोटासा अनालोंग कंप्युटर था। इसका उपयोग रैखिक समीकरणों को हाल करने के लिए किया जाता था। इसके बाद सन 1956 कोलकाता में भारतीय विज्ञान संस्थान में एक डिजिटल कंप्यूटर HEC – 2M (Hollerith Electronic Computer- HEC-2M) लगाया गया था। इसे ब्रिटिश कंपनी द्वारा बनाया गया था इसे उस वक्त दस लाख रुपये मे खरीदा गया था। तभी से भारत में कंप्यूटर युग की सही शुरुआत मानी जाती है |

India ke SUPER Computer ka kya naam hai ? aur kisne banaya ?

लेख के इस अंतिम चरण मे हम जानेंगे भारत के सुपर कंप्युटर के युग के बारे मे, वैसे तो भारत मे पहला सुपर कंप्युटर जो आया वो एक प्रमुख दूरदर्शी चंपकलाल चौकसी ने 1970 मे खरीदा था, जिसकी कीमत लगभग 8 करोड़ रुपये थी। और वो आया भारत मे निर्मित पहले सुपर कंप्युटर के दो दशक पहले। इससे पहले ना इसरो, ना आई आई टी और नाही किसी भारतीय संस्थान ने इसकी पहल की इसीलिए चंपकलाल चौकसी को दूरदर्शी कहते है। तो चलिए जानते है, भारत मे पहला सुपर कंप्युटर किसने और कब बनाया ? तो मित्रों भारत के महान सपूत, पद्मभूषण और महाराष्ट्र भूषण जैसे पुरस्कारों से सम्मानित, भारतीय कंप्युटर वैज्ञानिक विजय पांडुरंग भाटकर ने वर्ष 1991 मे पहले सुपर कंप्युटर का आविष्कार किया और इसे बनाने और इसके विकास के प्रक्रिया मे महत्वपूर्ण योगदान दिया और उसका नेतृत्व किया। उस सुपर कंप्युटर का नाम PARAM 8000 था। इसलिए विजय पांडुरंग भाटकर को भारत के पहले सुपर कंप्युटर का जनक भी कहते है। अब पहला सुपर कंप्युटर किसने बनाया ये जानने के बाद अगला चरण है आजकी तारीख मे भारत के सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्युटर का क्या नाम है और वो कहाँ है ? भारत मे कुल कितने सुपर कंप्युटर है ? जागतिक 500 सुपर कंप्युटर की सूची मे भारत के सुपर कंप्युटर का स्थान क्या है ? तो मित्रों आज की तारीख मे भारत के पास कुल 30 सुपर कंप्युटर है। जो मुख्यतः भारतीय विज्ञान संस्थान , आय आय टी , और अलग अलग प्रयोगशालाओं मे स्थित है। मौसम विभाग वगैरे । वैसे तो भारत के पास आज के समय मे सुपर कंप्युटर की शृंखला है, उन्मे परम 10000, प्रत्यूष यह सुपर कंप्युटर Pratyush भारत का दूसरा सबसे powerful super computer है । इसके साथ ही साथ ये सबसे powerful super computer है , climate और weather research के मामले में । इसे Indian Institute of Tropical Meteorology (IITM) , Pune द्वारा डेवेलोप किया गया है । और एक सुपर कंप्युटर है जिसका नाम है परम सिद्धि ये भारत का आज के समय मे सबसे पावरफुल सुपर कंप्युटर है जोकि दुनिया की TOP500 की सूची मे इसका स्थान 102 नंबर पर है। इसे पुणे के के उन्नत कंप्युटर विकास केंद्र के मुख्यालय मे रखा गया है । भारत की सुपर कंप्युटर की शृंखला मे और एक नाम है एका यानि की नंबर वन 1। यह सुपर कंप्युटर टाटा की कॉमपुटेशनल रिसर्च लेबोर्टरिज ( CRL ) पुणे मे विकसित किया गया है। यह सुपर कंप्युटर एक सेकंड मे 117.9 खरब की गति से गणना करने मे सक्षम है। मित्रों लेख के अंतमे आपको अनेकों आभार, लेख के अंततक बने रहने के लिए शुक्रिया। आशा करते है आपको ये लेख जरूर पसंद आया होगा । और यूजफुल लगा होगा। अगर आपको ये लेख पसंद आया है तो कृपया अपना परामर्श जरूर दर्ज करे। जय हिन्द!! जय भारत !!!

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