प्रिय पाठकगण को मेरा प्रणाम ! आपका स्वागत है हमारी वेबसाइट hindipathshala.com पर ! आज का हमारा विषय है TV, दूरदर्शन, इसमे हम जानेंगे TV का इतिहास और इसकी विस्तृत जानकारी जो कई लोगों को नहीं मालूम। जबसे TV आया है यह हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है। तो चलिये चलते है और जानते है, आखिर क्यूँ लोग इसे इतना पसंद करते है ?

छुट्टी के दिन हम टेलीविज़न के सामने बैठ जाते है और सबसे पहले न्यूज़ चेनल लगाकर देखते है की क्या है आजकी ताजा खबर। देश दुनिया की जानकारी हमे टेलीविज़न से मिलती है। वैसे तो आज टेलीविज़न की जगह मोबाइल फोन ने लेली है, लेकिन फिर भी टेलीविज़न का अपना अलग ही महत्व है। देश दुनिया की खबर हमे टेलीविज़न से आसानी से प्राप्त होती है। फिर वो रूस यूक्रेन हा युध हो या राजनीतिक ताजा खबर हो, हम उसे TV पर ही देखना पसंद करते है।लेकिन आज के न्यूज़ चेनलों ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है, इसमे सच्चाई कम और झूठ ज्यादा दिखाया जाता है। इसलिए लोगों ने न्यूज़ चेनल देखना हि बंद करदिया है। इसीलिए लोग अपने भरोसेमंद न्यूज़ चैनल पर न्यूज़ देखते है। ब्रेकिंग न्यूज़ हो या फिर घर परिवार के पसंदीदा और लोकप्रिय धारावाहिक हम टेलीविज़न पर ही देखना पसंद करते है। खास कर लोकप्रिय धारावाहिक, या कोई मूवी, गेम, जैसे के क्रिकेट परिवार के साथ और मित्रों के साथ बैठकर देखने का आनंद ही कुछ और होता है। याद है आपको भारत के वो लोकप्रिय टीवी सीरियल रामायण, महाभारत, वीकरम बेताल, सुरभि और भी कई, जिस वक्त ये धारावाहिक प्रसारित होते थे तब बहुतों के घर TV नहीं हुआ करता था, और हम पड़ोस के घर जाकर अपना डेरा जमाकर बैठ जाते थे, जैसे थेटर मे जाकर बैठते है। भाई मेरे घर तो TV आते आते 1990 का दशक लग गया। और जिस दिन मेरे घर टीवी आया उसदिन मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था, सारा दिन मै और मेरा भाई TV से चिपके रहे , और सारा दिन TV के एंटीना को इधर उधर घुमाना और बार बार सेट करना यही चलता रहा। उस वक्त एंटीना के सिग्नल से ही TV चलते थे, हैंना ये रोचक, आज जब भी वो याद आती है हंसी निकल आती है। पर आज वो जमाना नहीं रहा। आज टीवी ने बहोत प्रगति करली है। तो चलिये जानते है आखिर TV का आविष्कार किसने किया और कब किया। कलर TV कब आया ? रिमोट वाला TV कब आया ? डब्बा TV से स्मार्ट TV का सफर कैसा रहा ? और भी कई सारे रोचक तथ्य जो कई लोग नहीं जानते और आगे जानेंगे भारत मे TV की शुरुआत कब हुई ? और कैसे हुई ? TV के प्रकार और आकार, भारत का सबसे लंबा सिरियल कौनसा है ? सबसे लोकप्रिय धारावाहिक कौनसा है ? नंबर 1 न्यूज़ चैनल कौनसा है ? आज के वक्त मे 2023 का सबसे अच्छा स्मार्ट TV कौनसा है ? इन सारे विषयों पर आज हम प्रकाश डालेंगे और आपको इसकी पूरी विस्तृत जानकारी देने की कोशिश करेंगे तो कृपया इस लेख के अंत तक बने रहिए। क्यूंकी ये लेख आपके लिए बहुत ही रोचक और जानकारी युक्त साबित होने वाला है। अगर हमारा ये लेख आपको पसंद आता है तो अंत मे अपना परामर्श देना ना भूले।

पहला TV किसने बनाया? TVका सफर हिन्दी मे, भारत मे TV कब आया ?
वर्ष 1925 से पहले TV की कल्पना किसी ने नहीं की होगी। और उस समय से पहले मनोरंजन के नाम पर खेल-कूद, नृत्य, रेडियो पर समाचार और संगीत सुनने के अलावा, सर्कस इतने ही गिनेचुने मनोरंजन के साधन हुआ करते थे । स्कॉटलैंड के महान वैज्ञानिक जॉन लोगी बेयर्ड को TV की कल्पना सूझी और उन्होने वर्ष 1924 मे बॉक्स, कार्ड और पंखे की मोटर की सहायता से पहला वर्किंग TV बनाया था। जॉन का जन्म 13 अगस्त 1888 को हुआ और जिस वक्त उन्होने पहला वर्किंग TV बनाया था उस वक्त जॉन की उम्र 36 वर्ष थी। और फिर 25 मार्च 1925 मे जॉन लोगी बेयर्ड ने सबसे पहला मेकनिकल TV का आविष्कार किया जो ब्लॅक अँड व्हाइट था जिसका नाम उन्होने Televisor रखा।उसका प्रचार और प्रसार भी उन्होने एक अखबार के माध्यम से किया । लेकिन उससे भी आगे बढ़कर एक और महान वैज्ञानिक Philo Farnsworth ने 07 सितंबर 1927 मे पहला इलेक्ट्रोनिक TV बनाया इस TV मे मैकानिकल टीवी के मुक़ाबले कुछ ज्यादा ऑप्शन मौजूद थे, इसकी प्रसारण क्षमता भी ज्यादा थी, और जिस साल ये TV उन्होने बनाया था उसवक्त फिलो की उम्र मात्र 21 वर्ष थी। भलेहि इलेक्ट्रोनिक टीवी का आविष्कार Filo ने किया हो, लेकिन TV की संकल्पना का श्रेय जॉन लेगी बेयर्ड को ही जाता है। इसलिए जॉन लेगी बेयर्ड को “फादर ऑफ TV” कहा जाता है। क्यूंकी इससे भी बड़ी क्रांति तब हुई जब जॉन लेगी बेयर्ड ने 1928 मे दुनिया को पहला रंगीन TV दिया, लेकिन तब उसे सार्वजनिक तौर पर ब्रोडकास्ट नहीं किया गया था। उसे वर्ष 1940 मे सार्वजनिक तौर पर ब्रोडकास्ट किया गया। इसीतरहा, जॉन लेगी बेयर्ड और उनकी कंपनी ने दुनिया को पहला रंगीन TV दिया। और फिर उसे आम लोगों के लिए मार्केट मे उतारा गया। पहला कलर्ड टीवी सेट मार्च 1954 में वेस्टिंगहाउस ने बनाया. कीमत करीब 6,200 रुपये होने के कारण यह आम लोगों की पहुंच से बाहर था । फिरभि लोगों ने उसे खूब पसंद किया, और खरीदा एक अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका मे एक ही साल मे लाखों TV सेट बेचे गए। फिर कुछ समय बाद एक अमेरिकी इलेक्ट्रोनिक कंपनी RCA ने CT100 नाम का टीवी सेट पेश किया उसवक्त उसकी कीमत तकरीबन 5000 रुपये थी।

भारत मे TV को आते आते बहोत देर लग गयी , टीवी के आविष्कार के तीन दशकों के बाद TV भारत में आया था. और उसे उस वक्त दूरदर्शन कहा जाता था। दूरदर्शन नाम इसलिए पड़ा क्यूंकी TELE मतलब दूरका और VISION मतलब दर्शन इसका अर्थ निकाला गया और भारत मे TV इसी नाम से प्रसिद्ध हुआ। 1975 मे इसका हिन्दी मे नामकरण कर ” दूरदर्शन ” रखा गया। और TV का भारत मे पहला चैनल का नाम भी दूरदर्शन ही था DD1, प्रेस सूचना और प्रसारण ब्यूरो के अनुसार, यूनाइटेड नेशनंस एजुकेशनल, साइंटिफिक और कल्चरल ऑर्गनाइजेशन (UNESCO) की सहायता से नई दिल्ली में 15 सितंबर, 1959 को भारत में टेलीविजन की शुरुआत हुई थी. लेकिन उससे पहले “दी इंडियन एक्सप्रेस ” के न्यूज़ के हवालेसे ये खबर प्रकाशित कि गयी थी, के भारत मे पहला टीवी ( उस वक्त का मद्रास और आज का ) चेन्नई, के एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के होनहार छात्र B. SHIVKUMARAN ने जनवरी 1950 मे बनाया था और उसने एक प्रदर्शनी मे उस TV को प्रदर्शन के लिए रखा था। 1955 मे वायरलेस रिमोट का आविष्कार हुआ। शुरू मे दूरदर्शन पर सप्ताह मे सिर्फ तीन दिन आधा आधा घंटा ही प्रसारण हुआ करता था, और वो भी सिर्फ कृषि और शैक्षिक प्रसारण हुआ करते थे। फिर साल 1965 से रोजाना प्रसारण शुरू हुआ और पाँच मिनिट का समाचार बुलेटिन प्रसारित किया जाने लगा। भारत मे रंगीन/कलर टी व्ही की शुरुआत 1982 मे हुई। वैसे तो भारत मे फिल्मों के निर्माण की शुरुआत 1950-1960 के दशक से शुरू हो चुकी थी लेकिन TV जगत मे धारावाहिकों के निर्माण मे काफी समय लग गया, देश का पहला टीवी सीरियल हमलोग था, जो 1984 को दूरदर्शन पर पहली बार प्रसारित हुआ।इसे पी. कुमार वासुदेव ने निर्देशित किया था. ये सीरियल मनोहर श्याम जोशी ने लिखा था. ये उस जमाने का बहुत प्रसिद्ध सीरियल हुआ करता था और इसे खूब पसंद भी किया गया। तब भारतीय इतिहास का सबसे लंबा चला सीरियल था, इसके 154 एपिसोड प्रसारित किए गए। इसके बाद तो TV सीरियलों की झड़ी सी लग गयी। इसके बाद आया फौजी , भारत एक खोज , वागले की दुनिया इत्यादि। इसके बाद TV जगत मे धूम मच गयी और वर्ष 2000 आते आते TV जगत की कमाई शुरू हो गई, जब प्राइवेट चेनल्स की शुरुआत हुई, सोनी चेनल, ज़ी चेनल इत्यादि एकता कपूर की बालाजी टेलीफ़िल्म्स ने एक के बाद एक कई सीरियल प्रसारीत किए, और वो बहोत लोकप्रिय भी हुये। जैसे माननीय स्मृति ईरानी जी का वह लोकप्रिय सीरियल “क्यूंकी सास भी कभी बहू थी” बहोत लोकप्रिय हुआ। वैसे ही पौराणिक और धार्मिक आस्था के सीरियल जैसे के रामायण, और महाभारत, बहोत प्रसिद्ध हुये। और 2000 के बाद आए रियालिटि शोज, जावेद जाफरी का बुगि वुगी शो, अन्नु कपूर का अंताक्षरी शो, इंडियन आइडल, कौन बनेगा करोड़पति, BIG BOSS, और आज के दौर मे शुरू डांस शोज, सिंगिंग शोज। भारत का सबसे लंबा सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है‘ इस मामले में नंबर वन पर है। ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के अब तक 3206 एपिसोड पूरे हो चुके हैं। यह सीरियल 12 जनवरी, 2009 से शुरू हुआ था और तब से लेकर अब तक यानी पिछले 14 सालों से लगातार चल रहा है। और आज भी चल रहा है। और दुनिया का सबसे ज्यादा एपिसोड वाला सोप ओपेरा (काल्पनिक कहानियों पर ड्रामा शो) अमेरिकी शो ‘गाइडिंग लाइट‘ है, जिसके 1952 से 2009 के बीच 15,762 एपिसोड प्रसारित हुए। अगर इस शो को साल के 365 दिन भी दिखाया जाता तो इसके पूरे एपिसोड प्रसारित करने में 43 साल लग जाते। 57 साल तक चलता रहा यह सीरियल।
टीवी के कितने प्रकार होते हैं हिन्दी मे ?
जबसे TV आया है इसमे दिनो दिन कुछ ना कुछ मोड़िफिकेशन किया जा रहा है। आज का TV स्मार्ट बन गया है। इंटरनेट से कनेक्ट हो गया है, यूट्यूब, OTT, Netflix, जैसे प्लैटफ़ार्म से घर बैठे नई नई मूवीज देखने को मिल रहे है। लोगों में टेलीविजन का क्रेज़ इतना बढ़ गया है, लोग महंगे महंगे TV खरीद रहे है। आज हमें मार्केट में बहुत सारी अच्छी क्वालिटी के टीवी देखने को मिल जाते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार है।
1. CRT– Cathod ray tube 2. Plasma TV – Plasma display 3. LCD- Liquid crystal display 4. LED TV – Light emitting diode 5. OLED TV – Organic light emitting diode 6. QLED- Quantum light emitting diode तो ये है आज के आधुनिक TV के प्रकार।
तो प्रिय पाठकगण को अनेकों धन्यवाद !! लेख के अंत तक बने रहने के लिए शुक्रिया, अगर आपको हमारी ये जानकारी, टी वी की कहानी पसंद आई है तो अपना परामर्श जरूर कॉमेंट बॉक्स मे लिखे। जय हिन्द !! जय भारत !! ये लेख जिस वक्त मै खतम कर रहा हूँ, इस वक्त रात के 1.49 PM बज रहा है। बहोत मेहनत लगती है यार इसलिए आपका एक परामर्श हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अंततः फिरसे एक बार आपका अनेक अनेक आभार।