आज हम जानेंगे इंटरनेट कहाँ से आता है ? इंटरनेट का जनक कौन है ? इंटरनेट के रोचक तथ्य और इंटरनेट की वो जानकारी जो बहोत् से लोगों को नहीं मालूम. जो हम आज आपको बताने जा रहे है। इसलिए इस लेख के अंत तक बने रहीये और अपना ज्ञान बढ़ाइए। क्या आपको मालूम है इंटरनेट का शाब्दिक अर्थ अंतर्जाल है .इंटरनेट की शुरुआत 1969 मे अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा ARPANET के विकास से की गयी। ARPANET को ही दुनिया का सबसे पहला नेटवर्क कहा जाता है। जिसमे चार कम्प्युटर आपस मे जोड़े गए थे। अगले 20 वर्षों तक इंटरनेट का प्रयोग रक्षा और अनुसंधान तथा रक्षा संस्थानों में ही होता रहा। Robert E Kahn और Vint Cerf को इंटरनेट का जनक कहा जाता है . भारत मे इंटरनेट कि शुरुवात 1986 मे हुई थी लैकीन इसका दायरा सीमित था ये केवल शैक्षणिक और अनुसंधान समुदाय के उपयोग मात्र के लिये था. आम जनता के लिये इसे 15 अगस्त 1995 को विदेश संचार निगम लिमिटेड द्वारा शुरू किया गया .तब से लेकर आज तक भारत मे 835 मिलियन सक्रीय उपयोग कर्ता इसका रोजाना इस्तमाल करते है. यानि कि कुल आबादी का 62.78% फिसदी है . भारत दुनिया मे सबसे बडी आबादी वाला दुसरे नंबर का देश है. भारत कि कुल आबादी 1402705750 अनुमानित है . अनुमानित इसलिये क्युंकी 2011 से जनगणना नही हुई है ,उसी जनगणना के गिनती और अनुपात मे ये अनुमान लगाया गया है. इसके अनुसार भारत मे इंटरनेट कि खपत ज्यादा है. इतना तो आप जाणते हि होंगे की इंटरनेट एक दुनियाभर के डेटा का बहोत बडा जाल है .जिसके द्वारा हम डेटा का आदान प्रदान करते है . हम रोजाना गूगल पर कोई न कोई जानकारी हासिल करने की कोशिश करते है। और हमे तुरंत वो जानकारी हासिल होती है, इसका मतलब है वो जानकारी कहीं न कहीं स्टोर होगी, तो वो जानकारी होती है सर्वर मे, सर्वर से ही हमे सारी जानकारी मिलती है। भारत के जानेमाने कारोबारी और Reliance Industries के संस्थापक स्व. धीरुभाई अंबानी ने वर्ष 2002 मे एक स्लोगन दिया था “करलों दुनिया मूठी मे ” और इसी स्लोगन के साथ धीरुभाई अंबानी ने टेलीकॉम सैक्टर मे पहला कदम रखा। और मात्र 600 रुपये मे आम आदमी के हाथों मे मोबाइल थमा दिया था। जो चीज आम आदमी के पहुँच से कोसो दूर थी उसे संभव बनाया रिलायंस ने, वर्ष 2015 से पहले हमे इंटरनेट और कॉलिंग के लिए अलग अलग पैक मारना पड़ता था और वो भी महीने का 1 GB DETA मिलता था और हम उसी मे अपना गुजारा करते थे लेकिन 2016 मे जब मुकेश अंबानी का JIO आया, और उसका स्लोगन था ” जीओ धन धना धन “असल मे JIO की शुरुआत 15 Feb 2007 मे ही हो चुकी थी। लेकिन JIO सिम 15 December 2015 को लॉंच हुआ। और आम जनता के लिए उसे 05 September 2016 को लॉंच किया गया। जब इसे पब्लिकली लॉंच किया गया था उसमे जीओ का सिम लेने पर एक साल तक इंटरनेट फ्री दिया गया था। इससे पहले आम लोग इंटरनेट का इस्तेमाल महिनाभर संबल संभाल कर करते थे ,लेकिन जैसे ही jio का इंटरनेट आया इंटरनेट के दाम घट गए और लोग जमकर इंटरनेट का इस्तमाल करने लगे। लोग सोशियल मीडिया से जुडने लगे. क्या आपने कभी सोचा है ? इनटरनेट आप तक पहुण्चता कहां से है? तो चलिये जानते है.

इंटरनेट सेवा प्रदान करने वाली रिटेलर कम्पनिया जैसे के वोडाफोन ,जिओ , एअरटेल आप तक इंटरनेट पहुण्चाने के लिये जगह जगह केबल का जाल बिछाते हुए आपने कई बार देखा होगा ये वास्तव मे उस जटील प्रक्रिया का अंश मात्र है असलं मे इंटरनेट जिस रास्ते से आता है वो समंदर के रास्ते आता है जिसके लिये जगह जगह समंदर के नीचे तल मे बिछे लाखो, करोडो केबल हम तक नेटवर्सक भेजते है डेटा ट्रान्स्फर और कम्युनिकेशन इन्ही केबल के जरीये होता है जिसे सबमरीन कम्युनिकेशन कहा जाता है. , ये जाल पुरी दुनिया मे बिछा हुआ है जो समंदर से होकर गुजरता है. ये केबल जोकि एक ऑप्प्टिक केबल है जो बहोत सूक्ष्म होता है हमारे बाल जितना बारीक होता है और इन्ही लाखो बारीक बारीक तार का ये चमत्कार है जो इंटरनेट का नेटवर्क हम तक पहुचता है. आपने नेटवर्क फ़ेल्युर का कई बार सामना किया होगा, कभी कभी नेटवर्क बहोत स्लो या बिलकुल भी नहीं होता है। इंटरनेट के केबल समंदर के तल मे बिछे होने के कारण शार्क मछलियों द्वारा इसे नुकसान पहुंचाया जाता है। या कभी कभी समुद्री तूफान से भी नुकसान होता है। इसलिए दिनरात इसकी मरम्मत का कम चलता रहता है। ये केबल दुनिया कि बडी बडी कंपनी जैसे कि गुगल , मायक्रोसॉफ्ट और भी बड़ी कम्पनियो द्वारा बिछाया गया है. इन कोंपनियों का अपना खुद का सर्वर होता है। लेकीन इसका मतलब ये नही के वो इंटरनेट के मालिक है . अब आप सोंच रहे होंगे तो फिर इंटरनेट का मालिक कौन है .
क्या आपको पता है इंटरनेट का मालिक कौन है ?
तो आईये जानते है आखिर इंटरनेट का असली मालिक कौन है ? ये बडा मजेदार सवाल है जो आप अपने मित्रो को पूछेंगे तो 90% प्रतिशत मित्रो को नही मालूम होगा ये मै दावे के साथ कह सकता हुं. 90 % प्रतिशत इस लिये कह रहा हुं क्युंकी अगर आप 10 मित्रो को ये सवाल पूछेंगे तो उनमे से 9 मित्रो को इसका सही सही जवाब नही मालूम होगा. आज दुनिया का हर तिसरा इन्सान मोबाईल इस्तेमाल करता है और किसी ना किसी कंपनी का इंटरनेट इस्तेमाल करता है, तो वही मालिक होगा. नही, नही JIO ,Airtel ,Vodafone और BSNL नही जल्दबाजी मत करो ये तो रिटेल सर्विस प्रोवाईडर कंपनीया है उन्हे आप नेट पेक के हिसाब से पैसे देते है. लैकीन ये भी इंटरनेट के मालिक नही है. अब तो आपका सर चक्रा रहा होगा तो फिर आखिर कौन है इंटरनेट का असली मालिक. बस तो चलिये जानते है कौन है इंटरनेट का असली मालिक? इसका जवाब है कोई नही. ये पढ कर आपको विश्वास नही हो राहा होगा लेकीन यही सच्चाई है . वास्तविक मे ये किसी एक संस्था ,एक व्यक्ती ,एक कंपनी ,या सरकारी संपत्ती नही है और नाही कोई सरकारी प्रशासन इसे नियंत्रित करती है. इसपर किसी एक सिंगल कंपनी या व्यक्ती कि ओनरशिप नही है. ये एक Group Property है इसपर सबका सामुहिक अधिकार है. आप सही पढ रहे है. इसे नियंत्रित और सुचारू रखने के लिये उस देश कि सरकार, संस्था या कंपनी जिम्मेदार होती है. तो फिर आप सोंच रहे होंगे कि कोई तो इसे कंट्रोल करता होगा तो सही है आपको WWW तो पता है. W3C यानेकी वर्ल्ड वाइड वेब Consortium ये इंटरनेट के क्षेत्र मे गाईड लाईन के जरीये इसे सुचारू रूप से संचालित करती है .इसी तऱ्हा यह एक समूह है. इसपर किसी एक व्यक्ती मात्र का या कंपनी का मालिकांना हक नही है .लेख के अंत तक बने रहने के लिए आपको अनेकों आभार। अगर आपको ये लेख पसंद आया है तो कृपया कॉमेंट बॉक्स मे अपना परामर्श जरूर दर्ज करे। धन्यवाद !! जय हिन्द !! जय भारत !!